रेनवाटर हार्वेस्टिंग और इसका कृषि में उपयोग | Renavaatar Haarvesting Aur Isaka Krshi Mein Upayog

रेनवाटर हार्वेस्टिंग और इसका कृषि में उपयोग


जल ही जीवन है, और पृथ्वी पर जीवन की निरंतरता के लिए जल का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। तेजी से बढ़ती जनसंख्या, औद्योगीकरण और जल के अत्यधिक दोहन के कारण जल संकट गंभीर रूप लेता जा रहा है। इस समस्या का समाधान रेनवाटर हार्वेस्टिंग (वर्षा जल संचयन) है। यह एक पारंपरिक, प्रभावी और टिकाऊ विधि है जिससे जल संसाधनों को पुनर्भरण किया जा सकता है। विशेष रूप से कृषि क्षेत्र में वर्षा जल संग्रहण एक वरदान साबित हो सकता है।





रेनवाटर हार्वेस्टिंग क्या है?


रेनवाटर हार्वेस्टिंग का अर्थ है वर्षा जल को इकट्ठा कर उसे भूजल स्तर बढ़ाने या उपयोग के लिए संग्रहित करने की प्रक्रिया। इसे प्राकृतिक और कृत्रिम दोनों तरीकों से किया जा सकता है। आमतौर पर इसे छत पर जल संचयन, भूजल पुनर्भरण, और जलाशयों में भंडारण के माध्यम से किया जाता है।

रेनवाटर हार्वेस्टिंग के प्रकार


रेनवाटर हार्वेस्टिंग के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं:


1. सतही जल संचयन (Surface Runoff Harvesting)


इस विधि में वर्षा जल को नहरों, तालाबों, जलाशयों, या कृत्रिम जल संरचनाओं में एकत्र किया जाता है।


इसका उपयोग सिंचाई, पशुपालन, और घरेलू कार्यों में किया जा सकता है।


2. भूमिगत जल पुनर्भरण (Groundwater Recharge)


इस प्रक्रिया में वर्षा जल को जमीन के नीचे संग्रहित किया जाता है जिससे भूजल स्तर बढ़ाया जा सके।


इसके लिए सोख गड्ढे, कुएं, परकोलेशन टैंक, और रिचार्ज वेल्स का उपयोग किया जाता है।


कृषि में रेनवाटर हार्वेस्टिंग का महत्व


भारत की कृषि प्रणाली मुख्य रूप से वर्षा पर निर्भर करती है, लेकिन अनियमित मानसून और जल संकट के कारण किसानों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में रेनवाटर हार्वेस्टिंग कृषि उत्पादन को बढ़ाने और जल संरक्षण में मदद कर सकता है।

कृषि में रेनवाटर हार्वेस्टिंग के लाभ:


1. सिंचाई जल की निरंतरता:


. मानसून पर निर्भरता कम होती है।


. फसल उत्पादन में वृद्धि होती है।


2. भूजल स्तर में सुधार:


लगातार जल निकासी से गिरते भूजल स्तर को बनाए रखने में मदद मिलती है।


3. मिट्टी का कटाव रोकता है:


. वर्षा जल का नियंत्रित संग्रहण मिट्टी के कटाव और बाढ़ जैसी समस्याओं को रोकता है।


4. खेती की लागत कम होती है:


. जल की उपलब्धता बढ़ने से किसान महंगे पंपिंग सिस्टम या अन्य जल स्त्रोतों पर निर्भर नहीं रहते।


5. जैव विविधता को संरक्षित करता है:


. जल स्रोतों के संरक्षण से स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी लाभ होता है।


रेनवाटर हार्वेस्टिंग के तरीके


1. तालाब निर्माण


. खेतों के पास छोटे या बड़े तालाब बनाए जाते हैं जिनमें वर्षा जल एकत्र किया जाता है।


. इन तालाबों का उपयोग सूखे के समय सिंचाई के लिए किया जाता है।


2. चेक डैम (अवरोध बांध)


. छोटे बांध बनाकर वर्षा जल को एकत्र कर भूजल स्तर बढ़ाया जाता है।


. यह विधि ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण के लिए बहुत प्रभावी है।


3. परकोलेशन टैंक (संधारण जलाशय)


. इस विधि में पानी को ज़मीन के अंदर सोखने के लिए विशेष संरचनाएँ बनाई जाती हैं।


. इससे भूजल पुनर्भरण में मदद मिलती है।


4. फार्म पॉन्ड (खेत तालाब)


. किसान अपनी भूमि में छोटे जलाशय बनाकर वर्षा जल संग्रहीत कर सकते हैं।


. इसका उपयोग सूखे के समय किया जा सकता है।


5. रिचार्ज वेल (भूजल पुनर्भरण कूप)


. इन कुओं का उपयोग भूजल स्तर बनाए रखने के लिए किया जाता है।


भारत में रेनवाटर हार्वेस्टिंग की वर्तमान स्थिति


भारत में कई राज्यों ने रेनवाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य कर दिया है। राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, और गुजरात जैसे राज्यों में इसे लागू किया गया है।


सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदम:


'. जल शक्ति अभियान' के तहत जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है।


. विभिन्न राज्य सरकारें किसानों को तालाब निर्माण और रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही हैं।


. कई कृषि विश्वविद्यालय और एनजीओ किसानों को जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहे हैं।




निष्कर्ष


रेनवाटर हार्वेस्टिंग कृषि के लिए वरदान है। यह न केवल जल संकट को दूर करने में मदद करता है, बल्कि फसल उत्पादन बढ़ाने और किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में भी सहायक होता है। यदि इसे सही तरीके से अपनाया जाए, तो यह भारतीय कृषि को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)


1. रेनवाटर हार्वेस्टिंग क्यों आवश्यक है?


उत्तर: यह जल संरक्षण, भूजल स्तर बढ़ाने और सतत कृषि को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है।


2. कृषि में रेनवाटर हार्वेस्टिंग का सबसे अच्छा तरीका कौन सा है?


उत्तर: फार्म पॉन्ड, चेक डैम और परकोलेशन टैंक कृषि में सबसे प्रभावी तरीके हैं।


3. क्या सरकार रेनवाटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा देने के लिए कोई सब्सिडी देती है?


उत्तर: हां, विभिन्न राज्य सरकारें तालाब निर्माण, चेक डैम, और अन्य जल संरचनाओं के लिए सब्सिडी प्रदान करती हैं।


4. रेनवाटर हार्वेस्टिंग कैसे किया जा सकता है?


उत्तर: इसे तालाब, फार्म पॉन्ड, रिचार्ज वेल, और छत जल संचयन जैसी विधियों से किया जा सकता है।


5. कौन-कौन से राज्य रेनवाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य कर चुके हैं?


उत्तर: तमिलनाडु, राजस्थान, महाराष्ट्र, और गुजरात जैसे राज्यों ने इसे अनिवार्य किया है।


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